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तुम चलो तो सही (राह में मुश्किल होगी हजार) Motivational Poems in Hindi

तुम चलो तो सही - लिरिक्स हिंदी में राह में मुश्किल होगी हजार तुम दो कदम बढाओ तो सही, हो जाएगा हर सपना साकार तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही। मुश्किल है पर इतना भी नहीं, कि तू कर ना सके, दूर है मंजिल लेकिन इतनी भी नहीं, कि तु पा ना सके, तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही। एक दिन तुम्हारा भी नाम होगा, तुम्हारा भी सत्कार होगा, तुम कुछ लिखो तो सही, तुम कुछ आगे पढ़ो तो सही, तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही। सपनों के सागर में कब तक गोते लगाते रहोगे, तुम एक राह चुनो तो सही, तुम उठो तो सही, तुम कुछ करो तो सही, तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही। कुछ ना मिला तो कुछ सीख जाओगे, जिंदगी का अनुभव साथ ले जाओगे, गिरते पड़ते संभल जाओगे, फिर एक बार तुम जीत जाओगे। तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही। – नरेंद्र वर्मा ... उड़ान भरो  - लिरिक्स हिंदी में कुछ काम करो, न मन को निराश करो पंख होंगे मजबूत, तुम सपनों में साहस भरो, गिरोगे लेकिन फिर से उड़ान भरो, सपनों में उड़ान भरो। तलाश करो मंजिल की, ना व्यर्थ जीवनदान करो, जग में रहकर कुछ नाम करो, अभी शुरुआत करो, सुयोग बीत न जाए कहीं, सपनों में उड़ान भरो। समझो खुद को, लक्ष्य का ध

कोने में बैठ कर क्यों रोता है, Motivational Poem in Hindi

जब हमारा हौसला और साहस कमजोर पड़ जाता है। तब ऐसे समय में मोटीवेट होने की बहुत जरूरत होती है। जिससे हम अपने आप में एक नई ऊर्जा पैदा कर सकते है और खुद की सोच को सकारात्मक कर सकते हैं। " "कोने में बैठ कर क्यों रोता है" इसी प्रकार का सकारात्मक कविता है। जिसे पढ़ कर अपने जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा कर सकते है।   Motivational Poem in Hindi कोने में बैठ कर क्यों रोता है - हिंदी लिरिक्स कोने में बैठ कर क्यों रोता है, यू चुप चुप सा क्यों रहता है। आगे बढ़ने से क्यों डरता है, सपनों को बुनने से क्यों डरता है। तकदीर को क्यों रोता है, मेहनत से क्यों डरता है। झूठे लोगो से क्यों डरता है, कुछ खोने के डर से क्यों बैठा है। हाथ नहीं होते नसीब होते है उनके भी, तू मुट्ठी में बंद लकीरों को लेकर रोता है। भानू भी करता है नित नई शुरुआत, सांज होने के भय से नहीं डरता है। मुसीबतों को देख कर क्यों डरता है, तू लड़ने से क्यों पीछे हटता है। किसने तुमको रोका है, तुम्ही ने तुम को रोका है। भर साहस और दम, बढ़ा कदम, अब इससे अच्छा कोई न मौका है। ... नरेंद्र वर्मा ... तुम मन की आवाज सुनो - लिरिक्स तुम मन की आवाज सुनो

तो तू चल अकेला - Motivational Hindi Poem

Motivational Hindi Poem - तो तू चल अकेला Motivational Hindi Poems जो आपके मन को निराशा के भंवर से निकालकर आपके मन को जोश से ओत – प्रोत कर देगा तो तू चल अकेला - लिरिक्स हिंदी में तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो तू चल अकेला, चल अकेला, चल अकेला, चल तू अकेला! तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो चल तू अकेला, जब सबके मुंह पे पाश.. ओरे ओरे ओ अभागी! सबके मुंह पे पाश, हर कोई मुंह मोड़के बैठे, हर कोई डर जाय! तब भी तू दिल खोलके, अरे! जोश में आकर, मनका गाना गूंज तू अकेला! जब हर कोई वापस जाय.. ओरे ओरे ओ अभागी! हर कोई बापस जाय.. कानन-कूचकी बेला पर सब कोने में छिप जाय - रवीन्द्रनाथ ठाकुर ... तो तू चल अकेला - Motivational Hindi Poem in Image format वृक्ष हों भले खड़े - लिरिक्स हिंदी में वृक्ष हों भले खड़े वृक्ष हों भले खड़े, हों बड़े, हों घने, एक पत्र छाँह भी मांग मत! मांग मत! मांग मत! अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! तू न थकेगा कभी, तू न थमेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी, कर शपथ! कर शपथ! कर शपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! यह महान दृश्य है, देख रहा मनुष्य है, अश्रु, स्वेद, रक्त से लथ-पथ, लथ-पथ, लथ-पथ, अग्निपथ! अग्निपथ! अ

नर हो, न निराश करो मन को - Motivational Poem in Hindi

व्यक्ति अपने जीवन की असफलताओं से टूटकर जब निराशा की गर्त में जाने लगता है मोटिवेशन का मतलब है कि किसी भी काम या किसी भी मोटिव को पूरा करने की इछ्छा नई ऊर्जा और प्रेरणा लक्ष्य पर जोश भरने वाली प्रेरणादायक कविता का संग्रह, जीवन के कठिन समय में उत्साह और जोश से सराबोर करने वाली आज हम आपके लिए हिंदी के कुछ महान् कवियों की प्रेरक कविताएं नर हो, न निराश करो मन को - हिंदी लिरिक्स नर हो, न निराश करो मन को कुछ काम करो, कुछ काम करो जग में रहकर कुछ नाम करो यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो कुछ तो उपयुक्त करो तन को नर हो, न निराश करो मन को. संभलो कि सुयोग न जाय चला कब व्यर्थ हुआ सदुपाय भला समझो जग को न गिरा सपना पथ आप प्रशस्त करो अपना अखिलेश्वर है अवलंबन को नर हो, न निराश करो मन को. जब प्राप्त तुम्हें सब तत्व यहाँ फिर जा सकता वह सत्त्व कहाँ तुम स्वत्त्व सुधा रस पान करो उठके अमरत्व विधान करो दवरूप रहो भव कानन को नर हो, न निराश करो मन को. निज गौरव का नित ज्ञान रहे हम भी कुछ हैं यह ध्यान रहे मरणोत्तर गुंजित गान रहे सब जाय अभी पर मान रहे कुछ हो न तजो निज साधन को नर हो, न निराश करो मन

कर्मवीर | Karmveer Hindi Poem, | Motivational Poem

कर्मवीर कविता के रचइता अयोध्या सिंह उपायध्या हरिऔध हैं। कविता में कवि ने जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को कठिनाइयों से हार न मानकर डटकर परेशानियों का सामना करना चाहिए। बिना हार माने इस जीवन पर निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए। जीवन में चुनौतियां हर पल हर पग पर  मिलती हैं लेकिन उन्हें मुस्करा कर स्वीकार करना चाहिए न कि इनसे घबराकर पीछे हटना चाहिए।  अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ (जन्म- 15 अप्रैल, 1865, मृत्यु- 16 मार्च, 1947) अयोध्या सिंह उपाध्याय का जन्म उत्तर प्रदेश के ज़िला आजमगढ़ के निज़ामाबाद नामक स्थान में हुआ था।  1890 ई. के आस-पास अयोध्या सिंह उपाध्याय ने साहित्य सेवा के क्षेत्र में पदार्पण किया।  कर्मवीर, Karmveer Hindi Motivational Poem Lyrics देख कर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं। रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं। काम कितना ही कठिन हो किन्तु उकताते नहीं। भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं। हो गये एक आन में उनके बुरे दिन भी भले। सब जगह सब काल में वे ही मिले फूले फले।1। आज करना है जिसे करते उसे हैं आज ही। सोचते कहते हैं जो कुछ कर दिखाते हैं वही। मानते जी की हैं सुनते हैं सदा सब क

तुम चलो तो सही, Lyrics of Tum Chalo To Sahi by Narendra Verma | Motivational Poem

वर्तमान समय में प्रेरणा का अभाव है, आजकल हर व्यक्ति निराशा से ग्रस्त है इसीलिए कविताओं के माध्यम से सभी को प्रेरणा देने का प्रयास करते है। नरेंद्र वर्मा की कविता "तुम चलो तो सही" में कवि ने हमें यह संदेश दिया है कि जीवन संघर्ष का ही नाम है। कभी थमना नहीं बल्कि आगे बढ़ते रहना और  संघर्षों, कठिनाइयो का सामना करते हुए परिश्रम से सफलता प्राप्त करने की सिख देती है।  Lyrics of Tum Chalo To Sahi तुम चलो तो सही - हिंदी लिरिक्स राह में मुश्किल होगी हजार, तुम दो कदम बढाओ तो सही, हो जाएगा हर सपना साकार, तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही। मुश्किल है पर इतना भी नहीं, कि तू कर ना सके, दूर है मंजिल लेकिन इतनी भी नहीं, कि तु पा ना सके, तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही। एक दिन तुम्हारा भी नाम होगा, तुम्हारा भी सत्कार होगा, तुम कुछ लिखो तो सही, तुम कुछ आगे पढ़ो तो सही, तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही। सपनों के सागर में कब तक गोते लगाते रहोगे, तुम एक राह चुनो तो सही, तुम उठो तो सही, तुम कुछ करो तो सही, तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही। कुछ ना मिला तो कुछ सीख जाओगे, जिंदगी का अनुभव साथ ले जाओगे, गिरते पड

कोशिश कर हल निकलेगा, Lyrics of Koshish Kar Hal Niklega | Motivational Poem

हम सभी की अपनी संघर्ष और यात्रा पर है। लेकिन इस जीवन को आगे बढ़ाने के लिए हम सभी को हर समय एक चीज की जरूरत होती है, वह है प्रेरणादायक शब्द। (Motivational Words). आनंद परम की कविता "कोशिश कर हल निकलेगा" में कवि ने हमें यह संदेश दिया है कि जीवन संघर्ष का ही नाम है। कभी थमना नहीं बल्कि आगे बढ़ते रहना और  संघर्षों, कठिनाइयो का सामना करते हुए परिश्रम से सफलता प्राप्त करने की सिख देती है।  Lyrics of Koshish Kar Hal Niklega कोशिश कर हल निकलेगा - हिंदी लिरिक्स कोशिश कर, हल निकलेगा आज नहीं तो, कल निकलेगा.. अर्जुन के तीर सा सध मरूस्थल से भी जल निकलेगा.. मेहनत कर, पौधों को पानी दे बंजर जमीन से भी फल निकलेगा.. ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे फ़ौलाद का भी बल निकलेगा.. जिंदा रख, दिल में उम्मीदों को गरल के समंदर से भी गंगाजल निकलेगा.. कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की जो है आज थमा-थमा सा, चल निकलेगा..                     _By ANAND PARAM ... Koshish kar hal niklega Hindi image Koshish kar hal niklega English Lyrics  Koshish kar hal niklega Aaj nahi to kal niklega Arjun ke teer sa sadh,        Marust

वृक्ष हों भले खड़े, अग्निपथ कविता / हरिवंश राय बच्चन Motivational Poem

श्री हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवम्बर 1907 को इलाहाबाद के एक छोटे से गाँव बाबूपट्टी में हुआ था। हरिवंश राय श्रीवास्तव "बच्चन" जी हिन्दी भाषा के एक कवि और लेखक थे। हरिवंश राय बच्चन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग में प्राध्यापक रहे। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति मधुशाला है। हरिवंश राय बच्चन को भारत सरकार द्वारा 1976 में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। हरिवंश राय बच्चन की कविता अग्निपथ में कवि ने हमें यह संदेश दिया है कि जीवन संघर्ष का ही नाम है। कभी थमना नहीं बल्कि आगे बढ़ते रहना और  संघर्षों, कठिनाइयो का सामना करते हुए परिश्रम से सफलता प्राप्त करने की सिख देती है।  वृक्ष हों भले खड़े - हिंदी लिरिक्स वृक्ष हों भले खड़े, हों बड़े, हों घने, एक पत्र छाँह भी मांग मत! मांग मत! मांग मत! अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! तू न थकेगा कभी, तू न थमेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी, कर शपथ! कर शपथ! कर शपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! यह महान दृश्य है, देख रहा मनुष्य है, अश्रु, स्वेद, रक्त से लथ-पथ, लथ-पथ, लथ-पथ, अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ! - श्री  हरिवंशराय बच्चन ...

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती - Amitabh Bachchan Poem Koshish Karne Walon Ki Haar Nahi Hoti

जब जीवन बहुत कठिन लगने लगता है या ऐसा महसूस होता है कि असफलता, निराशा मेरी ही किस्मत में लिखी है। इस कविता में कोशिश करने से सफलता प्राप्त करने का संदेश मिलता है। जीवन संघर्ष का दूसरा नाम है हार जाना या हार जाने का भय आपको हथियार डालने पर मजबूर कर देते है। जीवन की प्रतियोगिता में असफलता से विमुख न होते हुए अपनी कमियों को खुद पहचानकर स्वप्रयत्न से लगातार आगे बढ़ने से हार कभी नहीं होती है।  इस के रचयिता सोहन लाल द्विवेदी जी  है। "कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती" कविता में कवि ने निरंतर प्रयत्नशील रहने का संदेश दिया है। Koshish Karne Walon Ki Haar Nahi Hoti कोशिश करने वालों की - लिरिक्स हिंदी में  लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है। मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है। आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है, जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है। मिलते नहीं सहज ही मोत