संत समर्थ रामदास द्वारा लिखित मारुति स्तोत्र लिरिक्स। संत समर्थ रामदास सत्रहवीं शताब्दी के हिंदू संत/कवि थे। संत समर्थ रामदास ने यह 'मारुति स्तोत्र' सरल मराठी भाषा में लिखा है। पहले तेरह श्लोक हमें हनुमान के पहलुओं और भलाई के बारे में बताते हैं और अंतिम चार श्लोक इस स्तोत्र के जप की 'फलश्रुति' के बारे में हैं। अच्छे संस्कार के लिए माता-पिता अपने बच्चों को यह स्तोत्र सिखाते हैं। इसके आलावा शारीरिक व्यायाम करने वाले लोग मारुति के अनुयायी होते है। और मारुति स्तोत्र का जाप करते हैं। Maruti Stotra Lyrics भीमरूपी महारुद्रा वज्रहनुमान मारुती - लिरिक्स भीमरूपी महारुद्रा वज्रहनुमान मारुती | वनारी अंजनीसूता रामदूता प्रभंजना || १ || महाबळी प्राणदाता सकळा उठवी बळे | सौख्यकारी दुःख हारी धूर्त वैष्णवगायका || २ || दीननाथा हरिरूपा सुंदरा जगदंतरा | पातालदेवताहंता भव्य सिंदूर लेपना || ३ || लोकनाथा जगन्नाथा प्राणनाथा पुरातना | पुण्यवंता पुण्यशीला पावना परितोषका || ४ || ध्वजांगे उचली बाहो आवेशे लोटला पुढे | काळाग्नी काळरुद्राग्नी देखता कापती भयें || ५ || सिग्नेचर लिरिक्स.कॉम ब्रम्हांडे माइ
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